देश के अगले राष्ट्रपति की चुनाव में झारखंड की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होने जा रही है। मंगलवार का दिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के नाम सामने आए। केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी दलों ने द्रौपदी मुर्मू को अगला राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना है। जबकि मंगलवार को ही सुबह से विपक्षी दलों की ओर से यशवंत सिन्हा का नाम सामने आया है। वैसे तो अभी तक इन दोनों ने ही नामांकन नहीं किया है। लेकिन अगर ये दोनों नामांकन करते हैं तो रायसीना हिल्स की लड़ाई में झारखंड ही महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि यशवंत सिन्हा तो झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले हैं, जबकि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं।
झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं। झारखंड की राज्यपाल के तौर पर उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा लगातार बढ़ी। इससे पहले 2000 से 2004 तक द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा के रायरंगपुर से विधायक रही हैं। साथ ही नवीन पटनायक सरकार में वे मंत्री भी रही हैं। द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा की पहली नेता हैं, जिन्हें किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
हजारीबाग के सांसद रहे हैं यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा को आज विपक्ष ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि 1984 में सिविल सेवा छोड़ने के बाद से वे भाजपा में रहे। 1986 में उन्हें राज्यसभा भी भेज दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में यशवंत सिन्हा मंत्री भी रहे हैं। हजारीबाग से सांसद रहे यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा अभी भी सांसद हैं। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी से यशवंत सिन्हा की खटास उन्हें दूसरे पाले में ले आई है। यशवंत सिन्हा 21 जून तक तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। विपक्षी दलों का साझा उम्मीदवार बनने के लिए यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को ही यह पद छोड़ दिया।
द्रौपदी मुर्मू के नाम से कम होगा विरोध
राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा से पहले ही इसके उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा था। चुनाव की घोषणा होते ही यह तेज हो गया। नामांकन 29 जून तक होना है और चुनाव 18 जुलाई को है। इस बीच पक्ष और विपक्ष दोनों गठबंधन अपना उम्मीदवार तय करने में जुटे थे। भाजपा के पास अपना बहुमत ऐसा नहीं है कि वो राष्ट्रपति चुनाव अपने सहयोगियों के बगैर ही जीत जाए। द्रौपदी मुर्मू का नाम ऐसा है कि भाजपा के पक्ष में उसके साथ नहीं आने वाले दल भी आ सकते हैं। मसलन, बीजू जनता दल एनडीए का हिस्सा नहीं है। लेकिन द्रौपदी मुर्मू के नाम पर भाजपा बीजू जनता दल को आसानी से अपने पाले में कर सकेगी।
पिछला चुनाव बिहार के नाम, इस बार झारखंड
पिछला राष्ट्रपति चुनाव बिहार में केंद्रित था। एनडीए ने तब बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। जबकि यूपीए की ओर से बिहार की ही मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया गया था।