दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में शनिवार को चौथा समन जारी किया। इससे पूर्व ईडी ने इस मामले में सीएम को दो नवंबर 2023, 21 दिसंबर 2023 और 3 जनवरी 2024 को पूछताछ के लिए बुलाया था, पर तीनों बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए वे पेश नहीं हुए। आपको बता दें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) नियमों के प्रावधानों के अनुसार कोई व्यक्ति केवल तीन बार ही ईडी के समन को इनकार कर सकता है। चौथी बार समन को नजरअंदाज करने की स्थिति में ईडी के पास अदालत से गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) मांगने की शक्ति और विकल्प है। वारंट जारी हुआ तो संबंधित व्यक्ति को कोर्ट के सामने मजबूरन पेश होना ही पड़ेगा। यदि व्यक्ति फिर भी विरोध करता है और कोर्ट के सामने पेश नहीं होता है, तो उसे गिरफ्तार करके अदालत में लाया जा सकता है। उन्होंने पिछले कई समन पर कानूनी ‘आपत्तियों’ का हवाला देते हुए और एजेंसी पर ‘न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद’ की भूमिका निभाने का आरोप लगाते हुए ईडी की कार्रवाई के पीछे के मकसद पर भी सवाल उठाया था। ईडी ने नया नोटिस जारी करके केजरीवाल की इस दलील को फिर से खारिज कर दिया, कि उन्हें जारी किए गए समन ‘कानून सम्मत नहीं थे’ और इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।
केजरीवाल के इस मौके पर भी ईडी के सामने पेश न होने की यदि स्थिति हुई तो मना यही जा रहा है कि ईडी इस मामले में एक नया पूरक आरोप पत्र दायर करेगी और आप को आबकारी नीति (एक्साइज पालिसी) के माध्यम से उत्पन्न कथित रिश्वत के ‘लाभार्थी’ के रूप में आरोपित करेगी।
दिल्ली सीएम केजरीवाल पर आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में घोर खामियां थीं और इसके जरिए कुछ डीलर का पक्ष भी लिया गया और जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। आप ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। वही चौथी बार ईडी द्वारा भेजे गए समन को लेकर आप नेताओं का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल को भारतीय जनता पार्टी के नेता किसी भी तरह एक साजिश के तहत गिरफ्तार कराना चाहती है। जबकि अरविंद केजरीवाल के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल खुद बता चुके हैं कि वो जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, बशर्तें, ईडी दफ्तर में पेश होने से पहले ईडी उनके सवाल का जवाब दे दे। बताते चलें कि केजरीवाल ने उलटे ईडी से ये सवाल किय अता कि ईडी किस अधिकार से उन्हें पूछताछ के लिए तलब करना चाहती है। आपने नेताओं का यह भी कहना है कि ईडी का यह समन भी पिछले समन की तरह गैर कानूनी है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए वापस लेने की मांग की है। ईडी ने दिल्ली के सीएम को अब 18 जनवरी को ईडी दफ्तर में शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को बुलाया है।