दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले केजरीवाल ने वाल्मीकि मंदिर और हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा, “भगवान मेरे साथ हैं।” इसके बाद वे समर्थकों के साथ रैली करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। नामांकन के बाद केजरीवाल ने जनता से अपील की, “काम के आधार पर वोट करें। एक तरफ काम करने वाली पार्टी है और दूसरी ओर गाली-गलौज वाली। हम पिछले 10 सालों में किए गए काम पर चुनाव लड़ रहे हैं।”
केजरीवाल के खिलाफ दो बड़े चेहरों की चुनौती
नई दिल्ली सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। दोनों दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों से केजरीवाल को कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। प्रवेश वर्मा ने भी बुधवार सुबह अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने नामांकन से पहले रोड शो किया और समर्थकों के बीच अपनी ताकत दिखाई।
सिसोदिया और बिधूड़ी ने भी भरे नामांकन
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा सीट से नामांकन भरा। नामांकन से पहले उन्होंने अंगूरी माता मंदिर में दर्शन किए और फिर रोड शो करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कहा, “जनता के विश्वास और आशीर्वाद ने हमें हमेशा सेवा करने की प्रेरणा दी है।” उन्होंने एक्स पर लिखा- “साथियों, आज जंगपुरा विधानसभा से अपना नामांकन रोड शो में जनता का आशीर्वाद लेने निकला हूं। यह मेरे लिए एक बड़ा दिन है।”
उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भी नामांकन करने पर बधाई दी। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “सच्चाई और ईमानदारी के प्रतीक अरविंद केजरीवाल जी को ढेरों शुभकामनाएं। देश की राजनीति में केजरीवाल जी ने ईमानदारी की एक नई मिसाल कायम की है। मुझे विश्वास है कि नई दिल्ली की जनता इस बार भी आप पर अपना भरोसा कायम रखेगी और आपको फिर से दिल्ली की सेवा का मौका देगी।”
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दूसरी ओर कालकाजी सीट पर आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री उम्मीदवार आतिशी के खिलाफ बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने बुधवार सुबह अपना नामांकन दाखिल किया। दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। चुनावी मैदान में बड़े चेहरे और कड़े मुकाबले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता काम की राजनीति को चुनती है या आरोप-प्रत्यारोप की।