महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिली है। एनसीपी के कद्दावर नेता अजीत पवार ने बगावत कर दी है। अजीत पवार कई विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। महाराष्ट्र में सियासी भूचाल से बीजेपी का ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, यह महाराष्ट्र में घटी यह घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में ऑपरेशन लोटस कामयाब हो चुका है। खासकर बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस से सबसे अधिक कांग्रेस का खेल खराब किया। आईए जानते हैं किन-किन राज्यों में ऑपरेशन लोटस सफल हो चुका है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के संघर्ष से 2018 में गिर गई एमपी की कांग्रेस सरकार
साल 2018 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा के 109 विधायक चुने गए, जबकि कांग्रेस के 114 विधायक निर्वाचित हुए। कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। लेकिन डेढ़ साल के भीतर ही कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो गया। आखिरकार मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। बागी विधायकों में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के 14 मंत्री शामिल थे। उसके बाद भाजपा के शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बने।
कांग्रेस के 12 और JDS के 3 MLA बागी, गिर गई कर्नाटक सरकार
2017 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ भी ले ली, लेकिन फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाए। सरकार गिर गई। इसके बाद कांग्रेस के 80 और जेडीएस के 37 विधायकों ने मिलकर सरकार बना ली। 2 साल भी पूरे नहीं हुए थे कि पॉलिटिकल क्राइसिस शुरू हो गई। जुलाई 2019 में कांग्रेस के 12 और जेडीएस के 3 विधायक बागी हो गए। कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पास 101 सीटें बचीं। वहीं बीजेपी की 105 सीटें बरकरार रहीं। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां से फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया गया। सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई और सीएम कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया।
गोवा में 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए
फरवरी 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ा पार्टी बनकर उभरी। सत्ता की चाबी छोटे दलों और निर्दलियों के हाथ में थी। मनोहर पर्रिकर ने 21 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें सरकार गठन का न्यौता दे दिया। कांग्रेस के 15 विधायकों में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए।
उत्तराखंड में नौ विधायकों के विद्रोह में उलझा दिया
साल 2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को नौ विधायकों के विद्रोह में उलझा दिया गया। इन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद, कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दिया गया और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। उस वक्त कांग्रेस ने बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ होने का आरोप लगाया था। बागी विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
अरुणाचल प्रदेश में पूरी कांग्रेस पार्टी ही बागी हो गई
2014 चुनाव के बाद अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। हालांकि कांग्रेस के नेताओं के बीच की रंजिश खुलकर सामने आती रही। आखिरकार 16 सितंबर 2016 को कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और 42 विधायक पार्टी छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में शामिल हो गए। पीपीए ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।