दिवाली के दिन ही देश के 41 मजदूरों के घर अंधेरा छा गया। क्योंकि ये सभी 41 मजदूर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंस गए। 16 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन सफलता फिसलती रही। 17वें दिन मंगलवार, 28 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन मुकाम तक पहुंचा है। अब कुछ ही देर में मजदूरों के बाहर आ जाने की संभावना है। टनल के बाहर प्रशासनिक अमले के साथ मजदूरों के परिजन भी हैं, जो अलग अलग राज्यों से आए हैं। सबसे अधिक 15 मजदूर झारखंड के हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के 8, बिहार व ओडिशा के 5-5, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड व असम के 2-2 और हिमाचल प्रदेश से 1 मजदूर है।
उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे सभी 41 मजदूरों का बाहर निकल लिया गया है। पहला मजदूर शाम 7.50 बजे बाहर निकाला गया था। 45 मिनट बाद रात 8.35 बजे सभी को बाहर निकाल लिया गया। सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। मजदूर 399 घंटे तक टनल में फंसे रहे। रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने बताया कि शाम 7 बजकर 5 मिनट पर पहला ब्रेक थ्रू मिला था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहर निकाले गए श्रमिकों से बात की। उनके साथ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी थे।
आपको बता दें कि उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। लेकिन 12 नवंबर को दिवाली के दिन हुए हादसे में 41 मजदूर अंदर फंस गए।