सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 4 अप्रैल को मृतक किसानों के परिवारों की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है।
मामले को वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की नए सिरे से सुनवाई के लिए मामले को वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया है। आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को जमानत दे दी थी। आशीष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। पूर्व की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने शीर्ष अदालत से आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था।
किसानों ने किया था विरोध
बता दें कि जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थें तब पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थें। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी।