जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने एक बयान जारी कर कहा कि राम मंदिर का न्योता ठुकराने वाले लालू यादव और तेजस्वी यादव अंबानी के न्योते को ठुकराने में असमर्थ रहे।
उन्होंने कहा कि जिन अंबानी को बीते कई वर्षों से लालू परिवार समेत इंडी गठबंधन के तमाम नेता कोसते आ रहे हैं, उन्हीं के यहां शादी में शामिल होकर लालू परिवार ने अपने कथन का खंडन किया है। बीमारी का बहाना बनाकर जमानत के लिए व्हील चेयर पर सुप्रीम कोर्ट जाने वाले लालू प्रसाद, अंबानी के यहां पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दिए। इस अवसर पर उन्हें बिना व्हील चेयर के सूट-बूट पहने अपने पूरे परिवार के साथ देखा गया। दूसरी तरफ ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले समेत गठबंधन के लगभग तमाम प्रमुख नेताओं में भी होड़-सी मची रही।
राजीव रंजन ने इस घटना को इंडी गठबंधन के नेताओं के स्वार्थ, झूठ और पाखंड का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि एनडीए को बदनाम करने के लिए ये लोग उद्योगपतियों, खासकर अंबानी और अडानी को लगातार निशाना बनाते हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त बताकर भारत में उद्योग और निवेश के माहौल को खराब करने की कोशिश करते हैं। इस प्रकरण से स्पष्ट होता है कि इन नेताओं की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अपने फायदे के लिए ये किसी को भी कुछ भी कह सकते हैं और किसी के पैरों पर भी गिर सकते हैं।