जिसमें विपक्ष ने एक सुर महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश करने की मांग की। जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण बिल को पारित कर दिया है। इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे है कि नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत इसी बिल को पेश करके की जा सकती है। बीते दिन को अन्य विपक्षी दलों के साथ लालू यादव की पार्टी राजद की तरफ से महिला आरक्षण बिल पेश किए जाने की मांग की गई। लेकिन बड़ी बात ये कि एक समय ऐसा भी था जब महिला आरक्षण बिल के पेज को लालू के पार्टी के एक सांसद ने संसद के अंदर फाड़ दिया था।
सुरेन्द्र यादव ने फाड़ा था बिल
बता दें कि महिला आरक्षण बिल की चर्चा काफी पुरानी है। 1996 में एचडी देवगौड़ा की सरकार पहली बार इस बिल को संसद में लेकर आई थी। हालांकि ये पारित नहीं हो सका। इस के बाद अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने भी करीब 4 बार इस बिल को पेश किया। हरबार सदन के अंदर इसको लेकर खुब हंगामा हुआ पर पारित नहीं हो सका।
साल 1998 में जब अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने इस बिल को संसद में आया तब राजद के तत्कालीन सांसद सुरेन्द्र यादव ने लाल कृष्ण आडवाणी के हाथ से इस बिल के पेपर को छीनकर फाड़ दिया था। उस वक्त सुरेन्द्र यादव बिहार की जहानाबाद लोकसभा सीट से सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे थे। लेकिन आज वही राजद महिला आरक्षण बिल को पेश करने की मांग कर रही है।
लालू के करीबी है सुरेन्द्र यादव
बता दें कि सुरेन्द्र यादव, लालू यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। फिलहाल सुरेन्द्र यादव बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री है। उनकी पहचान एक दबंग नेता के रूप में भी है। वे गया के बेलागंज से विधायक है। जब सुरेन्द्र यादव ने संसद के अंदर महिला आरक्षण बिल को फाड़ा था तब उन्होंने कहा था कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर उनके सपने में आए थे और कहा था कि संविधान खतरे में है। इसलिए उन्होंने बिल को फाड़ दिया। हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि इसके बाद सांसद के रूप में जीतकर संसद पहुंचने में सुरेन्द्र यादव अबतक नाकाम रहे हैं।