आज 2 अक्टूबर है और देशभर भर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है। 1869 में आज ही के दिन महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वो दिखने में तो बिलकुल साधारण थे लेकिन उतना ही असाधारण उनका व्यक्तित्व था। गांधी सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी के प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अहिंसा की लाठी से ही ब्रिटिश हुकूमत की भारत से खदेड़ डाला। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान तो सभी को भली भांति ज्ञात है। किस तरह उनके द्वारा किए गए आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत की नाक में दम कर दिया था। गांधी के आवाह्न पर पुरे भारत के लोग उनके साथ जुड़ जाते थे। यही कारण था कि एक शारीरिक रूप से दुर्बल, अर्धनग्न रहने वाले उस व्यक्ति का लोहा ब्रिटिश हुकूमत भी मनाता था।
गांधी व्यक्ति नहीं एक विचार हैं
सवाल उठता है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत सारे लोगों को योगदान रहा फिर गांधी सबसे अलग कैसे हैं? एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर गांधी के पास ऐसा कौन सा जादू था की उनके एक आवाह्न पर देश के अनेकों लोग उनके साथ हो लेते थे? ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों के मन में आज भी है। इन सबका जवाब सिर्फ एक है और वो है गांधी के विचार। यदि ये कहा जाए की गांधी एक व्यक्ति नहीं एक विचार है तो गलत नहीं होगा। उन्होंने कभी भी अपने विचारों के साथ समझौता नहीं किया। और उनके विचार ही थे जिसके जरिए देश के लोगों उनसे जुड़ते थे। आज आपको गांधी जी के कुछ विचारों के बारे में आपको बताते हैं।
महात्मा गांधी के विचार
- जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
- काम की अधिकता नहीं, अनियमितता व्यक्ति को मार डालती है।
- ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है ।
- प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
- निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
- क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।
- आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।
- धरती पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन हमारी जरूरत पूरी करने के लिए हैं, लालच की पूर्ति के लिए नहीं।
- अहिंसा के बिना सत्य का अनुभव नहीं हो सकता, अहिंसा का पहला सिद्धांत हर अमानवीय चीज के प्रति असहयोग करना है।
- अहिंसा कायरता की आड़ नहीं है, अहिंसा वीर व्यक्ति का सर्वोच्च गुण है, अहिंसा का मार्ग हिंसा के मार्ग की तुलना में कहीं ज्यादा साहस की अपेक्षा रखता है।
- व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
- हम जिसकी पूजा करते हैं, उसी के समान हो जाते हैं।
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है खुद को औरों की सेवा में लगा देना।
- पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है।
- आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
- श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- भूल करने में पाप नहीं है लेकिन उसे छिपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
- क्रोध और असहिष्णुता बुद्धि के दुश्मन हैं।
- मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
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