महाकुंभ मेला इस बार कई साध्वियों और साधुओं के लिए चर्चा का विषय बन चुका है, जिनमें एक नाम और जुड़ गया है – 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी। वह अब खुद को साध्वी कहने के साथ-साथ महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं। शुक्रवार शाम को उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाएगी। इसके साथ ही उनका नाम भी बदलकर “ममता नंद गिरि” हो जाएगा।
महाकुंभ के संगम तट पर ममता कुलकर्णी ने संन्यास की दीक्षा ली और पिंडदान किया। इस दौरान वह भगवा वस्त्र पहनकर पवित्र गंगा स्नान करने भी पहुंचीं। ममता ने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और महाकुंभ के आयोजन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मेले की व्यवस्थाएं बहुत शानदार हैं और संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद वह संतुष्ट हैं।
ममता कुलकर्णी, जो कभी बॉलीवुड की सबसे हॉट अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं, पिछले कुछ सालों से धार्मिक जीवन जी रही हैं। लगभग 12 सालों तक गुमनाम रहने के बाद ममता ने आध्यात्मिक जीवन अपनाया और अब वह संन्यासियों की तरह बोलती हैं। उनके अनुसार, उनका जन्म भगवान के लिए हुआ था और वह अपने जीवन को पूरी तरह से आध्यात्मिकता में समर्पित करना चाहती हैं।
ममता कुलकर्णी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा को लेकर एक किताब “ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगिनी” भी लिखी है, जिसमें उन्होंने बताया कि गुमनामी के दौरान उन्होंने मेकअप, ब्यूटी पार्लर और फिल्में सब छोड़ दीं। उनका मानना था कि इस तरह से सेलेब्रिटी की पहचान को छोड़कर नई पहचान को अपनाना जरूरी था ताकि वह पूरी तरह से आध्यात्मिक दुनिया में समाहित हो सकें।
ममता ने एक बार कहा था कि अब उनके असली हीरो शाहरुख, सलमान या आमिर नहीं, बल्कि परम पिता परमेश्वर हैं। उनका जीवन अब पूरी तरह से भगवान की सेवा में समर्पित है और वह खुद को आध्यात्मिकता की दुनिया में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।