सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ती है तो मनीष सिसोदिया बाद में फिर से ज़मानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ गई है। आज सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘हमने कुछ पक्ष देखे हैं जो संदेहास्पद हैं। लेकिन 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर की बात फिलहाल स्थापित होता दिख रहा है। इसलिए हमने जमानत याचिका खारिज कर दी है।’ साथ ही कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को छह से आठ महीने ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है।
सिसोदिया पर आरोप
बता दें कि मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि 2021 में आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने शराब नीति में कुछ ऐसे बदलाव किए जिससे शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। जांच एजेंसियों का दावा है कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों (जिन्हें साउथ ग्रुप कहा जा रहा है) का प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाया गया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में ‘आप’ नेता के खिलाफ सीबीआई पहले ही चार्जशीट दायर कर चुकी है। ईडी का दावा है कि लाभार्थी कंपनियों ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी और सिसोदिया ने प्रॉफिट मार्जिन को 5 पर्सेंट से 12 पर्सेंट करके अपराध में सहायता की। 338 करोड़ रुपए के ट्रांसफर वाली बात ईडी की शिकायत का हिस्सा है।