2024 में विपक्ष को एकजुट करने का जो बीड़ा नीतीश कुमार ने उठाया है, उसमें पहला कदम बढ़ा दिया है। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेताओं को ऐसी कोशिश करने से पहले सबकुछ बता दिया है। पटना में तीन दिनों तक चली जदयू की आंतरिक बैठकों के बाद सोमवार को दिल्ली कूच कर गए। इससे पहले वे लालू यादव से मिले। तो दिल्ली पहुंच कर विपक्षी एकता के खम्भों के सिरों को जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी।
राहुल गांधी से मिले नीतीश
नीतीश कुमार की पहली मुलाकात राहुल गांधी से हुई। देश की राजनीति में मौजूदा समय में विपक्षी एकता की बात हो तो शुरुआत कांग्रेस से होनी चाहिए क्योंकि सबसे बुरे दौर में भी कांग्रेस विपक्षी दलों में सबसे आगे है। नीतीश कुमार और राहुल गांधी की मुलाकात 12, तुगलक रोड पर हुई, जो राहुल गांधी का आवास है।
कांग्रेस के बिना नहीं गुजारा
यह माना हुआ तथ्य है कि नीतीश हो या विपक्षी दलों में से कोई दूसरी पार्टी, सबको विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने से पहले कांग्रेस को कांफिडेंस में लेना ही होगा। पहली मुलाकात में पीएम पद पर तो बात नहीं हुई लेकिन नीतीश ने विपक्षी एकता का राग राहुल गांधी के सामने छेड़ दिया है। नीतीश ने बताया भी है कि उनकी PM बनने की इच्छा नहीं है। वे चाहते हैं कि विपक्ष एक साथ आए तो भाजपा हारेगी।
कुमारस्वामी से भी मिले नीतीश
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद नीतीश कुमार दक्षिण भारत के दिग्गज नेताओं से मिले। इसमें वे कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी से मिले। इस दौरान नीतीश कुमार के साथ बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा भी मौजूद रहे। यह मुलाकात खास है क्योंकि दोनों ही नेता क्षेत्रीय दलों से हैं। JDS के सर्वोच्च नेता एचडी देवगौड़ा जहां पीएम पद पर रह चुके हैं तो JDU के ‘सर्वोच्च’ नेता नीतीश कुमार को पीएम बनाने की दिशा में उनकी पार्टी काम कर रही है।