1993 में हुए मुंबई धमाके के दौरान आतंकियों की मदद के आरोप कई लोगों पर लगे हैं। इसमें कईयों पर आरोप सिद्ध हुए। जो विदेश भाग नहीं पाए वे भारत की जेलों में हैं। इन्हीं में एक है मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना, जो कोल्हापुर के कलाम्बा जेल में बंद है। मुन्ना की हत्या उसी जेल में अन्य कैदियों ने कर दी है। पुलिस के मुताबिक मुन्ना पर ड्रेनेज चैम्बर के ढक्कन से वार किए गए हैं और उसी कारण उसकी मौत हो गई।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट में मुन्ना की भूमिका अहम थी। मुन्ना ने ही टाइगर मेमन के साथ मुंबई से रायगढ़ तक आरडीएक्स और हथियार पहुंचाया था। वैसे तो इस आरोप में मुन्ना को 14 साल की सजा मिली लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बढ़ाकर उम्र कैद कर दिया। 2013 से कलाम्बा जेल में बंद मुन्ना अब खत्म हो चुका है। इस हत्या में शामिल होने वालों में प्रतीक उर्फ पिल्या सुरेश पाटिल, दीपक नेताजी खोत, संदीप शंकर चव्हाण, ऋतुराज विनायक इनामदार और सौरभ विकास हैं, जो उसी जेल में बंद हैं।