राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने एक सीट अधिक लेने के बाद वहां मौजूदा सरकार महाविकास अघाड़ी (MVA) अब सतर्क है। चुनाव अब विधान परिषद का है। सीटें 10 और उम्मीदवार 11 हैं। भाजपा ने एक बार फिर MVA के खिलाफ प्रत्याशी उतारकर चुनाव में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
दोनों के पास नहीं पर्याप्त विधायक
विधान परिषद की जिस 10वीं सीट को जीतने के लिए भाजपा और MVA कोशिश में लगे हैं, मजेदार बात ये है कि उस सीट को जीतने के लिए दोनों के पास ही पर्याप्त विधायक नहीं हैं। दोनों ही निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों के भरोसे हैं। भाजपा और MVA के विधायकों को हटा दें तो अन्य विधायकों की संख्या 29 बचती है।
हर उम्मीदवार को 26 मत चाहिए
महाराष्ट्र में विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए कुल 26 विधायकों का समर्थन चाहिए। इसमें भाजपा ने पांच उम्मीदवार उतारे हैं और उसके विधायकों की संख्या 106 है। ऐसे में चार की जीत पक्की है। जबकि शिवसेना और एनसीपी के दो-दो उम्मीदवारों की जीत भी उनके विधायकों की संख्या के हिसाब से पक्की है। कांग्रेस के पास 43 विधायक हैं और चुनाव में उसके भी दो उम्मीदवार हैं। ऐसे में शिवसेना और एनसीपी के बचे हुए 06 विधायकों की संख्या पूरी करने के बाद भी कांग्रेस को तीन अन्य विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी। जबकि भाजपा को अपने पांचवे उम्मीदवार की जीत के लिए 22 अन्य विधायकों की जरूरत होगी।
उम्मीदवारों की संख्या
- भाजपा : 05
- शिवसेना : 02
- कांग्रेस : 02
- एनसीपी : 02
विधायकों का गणित
- भाजपा : 106
- शिवसेना : 57
- कांग्रेस : 43
- एनसीपी : 53