प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संसदीय दल का नेता चुना गया। इस मौके पर मोदी ने गठबंधन के सभी नेताओं का आभार जताते हुए नए दायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार पहले से भी तेज गति से देश के विकास के लिए काम करेगी।
मोदी ने एनडीए के सांसदों को फेक कॉल्स से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “टीवी और अन्य माध्यमों पर कई प्रकार की भ्रामक सूचनाएँ फैलाई जा रही हैं। अब तो तकनीकी माध्यमों से मेरी फर्जी हस्ताक्षर की सूची भी बाहर आ सकती है। इसमें किसी को मंत्री बना दिया जाए और विभाग भी बांट दिए जाएं। ऐसे में अगर आपके पास कोई फोन आता है, तो उसे दस बार सत्यापित करें।”
कांग्रेस पर निशाना
तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी ने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “दस साल बाद भी कांग्रेस 100 का आंकड़ा नहीं छू पाई है। 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में जितनी सीटें कांग्रेस को मिली हैं, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली हैं। विपक्ष पहले ही डूब रहा था, अब तेजी से गर्त में जा रहा है।”
नीतीश ने छुए मोदी के पैर, चिराग को लगाया गले
एनडीए की बैठक के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर सहमति जताई और अपना भाषण समाप्त करने के बाद मोदी के पैर छूने की कोशिश की, जिसे मोदी ने रोक लिया। वहीं, चिराग पासवान को मोदी ने गले लगाया, जिससे गठबंधन में आपसी सौहार्द और सम्मान का माहौल स्पष्ट हुआ।
नारा लोकेश का बड़ा बयान
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता और चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने एनडीए की आगामी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के दौरान मुस्लिम आरक्षण को जारी रखने का बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “यह तुष्टिकरण की राजनीति के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए है। पार्टी का ध्यान आंध्र प्रदेश में रोजगार सृजन और वंचितों के उत्थान पर रहेगा।” यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि भाजपा ने चुनाव के दौरान मुस्लिम आरक्षण का खुलकर विरोध किया था।