पिछले दिनों संसद में पासमहिला आरक्षण विधेयक अब कानून बन गया है। महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदना अधिनियम) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को हस्ताक्षर कर दिए। राष्ट्रपति के मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल नारी शक्ति वंदना अधिनियम का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो गई हैं। अब महिला आरक्षण बिल को विधानसभा में भेजा जाएगा।
लैंगिक न्याय के लिए परिवर्तनकारी क्रांति होगी
आपको बता दें यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित हुआ था। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद किसी भी विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति की मोहर लगने के बाद विधेयक कानून बन जाता है। बिल के संसद से पास होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी। हालांकि, महिलाओं को इसका लाभ जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही मिलेगा।