केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने आज शनिवार को दोहराया कि केंद्र के पास राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के निजीकरण की कोई नीति नहीं है। रेलवे मंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा और आराम के मामले में यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई तकनीक को स्वीकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
रेलवे को और आगे ले जाने का प्रयास
रेलवे मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल बार-बार रेलवे के निजीकरण का आरोप लगा रहे हैं। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि रेलवे एक बड़ा जटिल संगठन है। रेलवे के निजीकरण की कोई नीति नहीं है। ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि रेलवे को और आगे ले जाने का प्रयास है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा रेलवे के निजीकरण करने का कोई इरादा नही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि केंद्र सरकार का रेलवे का निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है।
यूपीए सरकार की आलोचना
रेलवे में भर्ती को लेकर पिछली यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रेलवे में 3.5 लाख पदों को भरा और 1.40 लाख पदों पर लोगों की भर्ती के लिए कदम उठाए गए हैं। वैष्णव ने कहा, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों में एक बार भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहा हूं कि यह कहीं फंस न जाए।