बुधवार 31 जनवरी को ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा की अनुमति मिल गई है। कल मंगलवर को ही तहखाने में पूजा संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी,जहाँ अदालत ने इस प्रकरण में आज बुधवार के लिए अपने आदेश को रिज़र्व रखा था। इस सम्बन्ध में आदेश की पत्रावली भी सुरक्षित कर ली गई थी।
वादी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह ने कोर्ट में दलील पेश की जिसमे कहा गया कि उनकी तरफ से दिए गए आवेदन के एक भाग को अदालत ने पहले ही स्वीकार कर लिया है। इसके तहत व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में भी दे दिया गया है। अधिवक्ताओं की ओर से आग्रह करते हुए कहा गया कि हमारा दूसरा अनुरोध है कि जो बैरिकेडिंग नंदीजी के सामने की गई है, उसे खोलने की अनुमति दी जाए।साथ ही व्यासजी के तहखाने में वर्ष 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने-जाने दिया जाए। वहीँ इस बात पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने आपत्ति जताई। उन्होंने ये दलील दी कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। वहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम(विशेष प्रावधान) से बाधित है।
उन्होंने कहा कि तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। लिहाजा, वहां पूजा-पाठ कि अनुमति न दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश के लिए बुधवार की तिथि नियत कर दी थी , जिसके उपरांत आज बुधवार को ये निर्णय सुनाया गया।