चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग को लेकर बधाईयों का सिलसिला अभी थमा नहीं था कि इसरो ने एक और कामयाबी हासिल कर ली। सूर्य के अध्ययन के लिए इसरो ने सैटेलाइट Aditya-L1 की सफल लॉन्चिंग कर दी है। आज यानि शनिवार की सुबह 11:50 बजे श्री हरिकोटा स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया। लॉन्चिंग के समय बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। देशभर में टेलीविजन और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने आदित्य एल 1 की लाइव लॉन्चिंग देखी।
पूरी प्रक्रिया में 127 दिन लगेंगे
पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट आदित्य को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाएगा। निचली कक्षा में पहुंचने के बाद ओवल आकार में लाकर प्रोपल्शन की मदद से L-1 प्वाइंट की तरफ भेजा जाएगा। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर होने के बाद क्रूज फेज शुरू होगा और L-1 के पास हैलो आर्बिट में प्लेस किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 127 दिन यानी चार महीने का समय लगेगा। सूर्य असीमित मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है लिहाजा निकट भविष्य में अगर कोई घटना होती है तो उसका पूर्व अध्ययन आगे की स्थितियों के विश्लेषण में अहम जानकारी दे सकेगा।
सूर्य का अध्ययन करने में मिलेगी मदद
बता दें कि यह भारत का पहला सूर्य मिशन होगा, जिसके जरिए सूर्य के तापमान, ओजोन परत पर पड़ने वाले असर, पैराबैगनी किरणों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। ये सैटेलाइट लॉन्च के चार माह बाद धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर एक खास जगह लैंग्रेज प्वाइंट यानी L-1 पर पहुंचेगा। जानकारी के अनुसार, आदित्य एल1 फोटोस्फेयर (यानी सूर्य का वो हिस्सा जो हमे दिखता है), क्रोमोस्फेयर (फोटोस्फेयर का ऊपरी हिस्सा) और कोरोना यानी सूर्य से कुछ ही दूरी पर उसकी बाहरी परत का अध्ययन करेगा।