जम्मू कश्मीर में अब उमर अब्दुल्ला के लिए सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में लगे राष्ट्रपति शासन को रविवार को हटा लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने से पहले राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 73 के तहत राष्ट्रपति शासन का आदेश जारी किया था।
अब राष्ट्रपति शासन हटने के साथ ही वहां पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं, और नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने जीत हासिल की है। उसे 49 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी के खाते में 29 सीटें आई हैं।
क्यों लगाया गया था राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। इसके बाद से वहां राष्ट्रपति शासन लागू था, और राजनीतिक गतिविधियां सीमित थीं। अब राष्ट्रपति शासन हटने के साथ ही वहां पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं, और नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
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मंत्रालय के इस कदम को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के साथ प्रदेश में एक नई राजनीतिक शुरुआत की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे वहां की जनता को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।