जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (INDI) और भाजपा-कांग्रेस की राजनीति पर महत्वपूर्ण बयान दिए। उमर ने कहा कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडी गठबंधन का संयोजक बनाया गया होता, तो वे गठबंधन के साथ जुड़े रहते। उमर ने विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर भी चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन रहा है। ऐसे में यह कहना कि कांग्रेस को नेतृत्व की भूमिका नहीं निभानी चाहिए, सही नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि गठबंधन के भीतर बैठकों के आयोजन और बेहतर समन्वय की जरूरत है।
पाकिस्तान के साथ संबंधों पर चर्चा करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बातचीत जरूरी है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को माहौल तैयार करना होगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए कहा कि वाजपेयी ने भी पाकिस्तान से बातचीत का समर्थन किया था और कहा था कि “हम दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं।” उमर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भी बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने दावा किया था कि पीओके को भारत में वापस लाया जाएगा, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
उमर ने पीओके को लेकर भाजपा के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे युद्ध के जरिए वापस लाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “कई युद्ध हो चुके हैं, लेकिन पीओके का समाधान बातचीत से ही संभव है।”