भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी बालकृष्ण आचार्य ने सार्वजनिक माफी मांगने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव और बालकृष्ण न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष पेश हुए।
सुनवाई के दौरान पतंजलि की ओर से पेश हुए वकीलों ने जजों से कहा कि वो माफी मांगने के लिए तैयार हैं। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने अपनी दलील पेश की। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने के लिए कदम उठाएं।
न्यायमूर्ति कोहली ने रामदेव से कहा कि अदालत योग को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा किए गए काम का सम्मान करती है लेकिन दवा व्यवसाय व्यावसायिक है और अपने उत्पादों को बेचने के लिए वे आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की प्रभावशीलता को कम कर रहे हैं और उस पर सवाल उठा रहे हैं।
पीठ ने रामदेव से कहा कि उन्होंने नवंबर 2023 में अदालत द्वारा एक आदेश पारित करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अदालत के आदेश का उल्लंघन किया था। रामदेव और बालकृष्ण का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे सार्वजनिक माफी जारी करेंगे। रामदेव ने कहा, ‘हम बिना शर्त और पूरे मन से माफी मांग रहे हैं, और कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाना या अवमानना करना या अदालत के आदेशों का उल्लंघन करना नहीं था।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को तय की है। रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण विभिन्न बीमारियों के इलाज के संबंध में भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के संबंध में शीर्ष अदालत में पेश हुए थे। पिछले हफ्ते अदालत ने पतंजलि के संस्थापकों को कड़ी फटकार लगाई थी और हरिद्वार स्थित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए उत्तराखंड सरकार की भी खिंचाई की थी।