आज बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद में पाए जाने वाले शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांगने वाली याचिका पर वाराणसी की एक अदालत आज सुनवाई हुई। वाराणसी की एक जिला अदालत ने आज बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद में पाए जाने वाले शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांगने वाली एक याचिका को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि भगवान आदि विश्वेश्वर को ज्ञानवापी घोषित किया जाए और ढांचे को गिराया जाए।
मामले की सुनवाई 30 मई
यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ के अंतरराष्ट्रीय महासचिव किरण सिंह ने पिछले सप्ताह दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दायर की थी। मामले की सुनवाई 30 मई को होगी। साथ ही फास्ट ट्रैक जज का नाम महेंद्र कुमार पांडे, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) है। पिछले हफ्ते विश्व वैदिक सनातन संघ के अंतरराष्ट्रीय महासचिव किरण सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक याचिका दायर कर शिवलिंग के नियमित ‘दर्शन और पूजन’ की अनुमति मांगी थी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर इस मामले की सुनवाई करेंगे।
दावा किया गया ज्ञानवापी मस्जिद में ‘शिवलिंग
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इस मामले में चार हिंदू महिलाओं द्वारा दायर दीवानी मुकदमे को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था। 16 मई को, हिंदू पक्ष के एक वकील ने दावा किया कि तीन दिवसीय वीडियोग्राफी सर्वेक्षण की अदालत द्वारा आदेशित कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में एक ‘शिवलिंग’ पाया गया था। इसके बाद शीर्ष अदालत ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जहां शिवलिंग पाया गया था और मुसलमानों को नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी। पीठ ने यह भी कहा कि मुसलमानों के मस्जिद में नमाज या धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए प्रवेश करने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।