कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। हाल के दिनों में पीएफआई के उपर लगातार छापे पड़े। बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार PFI का कनेक्शन टेरर फंडिंग से जुड़ा है। देश भर में दो दौर की छापेमारी के बाद अब केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई की है।
दो राउंड में छापेमारी हुई
सितंबर माह में ही PFI से जुड़े ठिकानों और लोगों पर दो राउंड में छापेमारी हुई है। पहले राउंड में आठ राज्यों में छापेमारी हुई। 106 लोग गिरफ्तार किए गए। वहीं दूसरे राउंड में NIA के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी की। इसमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
PFI की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के कारण प्रतिबंध लगा है। गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। UAPA के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है। वैसे इस संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग पहले से भी होती रही है। 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर PFI पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।
इन संगठनों पर भी लगा बैन
- रिहैब इंडिया फाउंडेशन
- कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
- ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
- नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन
- नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट
- एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
- रिहैब फाउंडेशन(केरल)
- जूनियर फ्रंट
गिरिराज सिंह ने PFI को कहा- बाय-बाय
पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि बाय-बाय पीएफआई। इसके अलावा उन्होंने गृह मंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी भी साझा की है।