एक तरफ भाजपा और RSS के कुछ नेता अजमेर दरगाह परिसर में एक शिव मंदिर होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेज रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शाम 6 बजे एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को एक खास ‘चादर’ सौंपेंगे। यह ‘चादर’ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाई जाएगी।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, किरेन रिजिजू और जमाल सिद्दीकी ‘चादर’ को एक कार्यक्रम में दरगाह के जिम्मेदार लोगों को सौंपेंगे। यह चादर ख्वाजा गरीब नवाज के मजार-ए-अख्दस पर बिछाई जाने वाली एक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। उर्स के मौके पर दरगाह पर चादर चढ़ाने की परंपरा पुरानी है और आमतौर पर लोग किसी मन्नत के लिए इस तरह की भेंट किया करते हैं।
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कुछ दिन पहले भाजपा और RSS के कुछ नेताओं ने अजमेर दरगाह परिसर में एक शिव मंदिर होने का दावा किया था। इस मामले में राजस्थान की भाजपा सरकार और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि दरगाह परिसर में स्थित मंदिरों की बहाली की आवश्यकता है, जबकि कांग्रेस ने इसे सांप्रदायिक मुद्दा बनाने की भाजपा की कोशिश करार दिया है। गहलोत ने इस मामले में भाजपा के एजेंडे को खारिज करते हुए कहा कि “यह मुद्दा धार्मिक भावनाओं को भड़काने और देश में विभाजन पैदा करने का है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को यह समझना चाहिए कि यह देश धर्मनिरपेक्ष है, और हमें किसी भी धार्मिक स्थान के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
अजमेर दरगाह के 813वें उर्स पर चादर भेजेंगे पीएम मोदी… भाजपा और RSS ने किया है शिव मंदिर होने का दावा
बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह हर साल इस खास मौके पर ‘चादर’ भेजते आए हैं। ऐसे 11वीं बार होगा जब पीएम मोदी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दरगाह पर चढ़ाने के लिए खास चादर भेजेंगे। पिछले साल, 812वें उर्स के दौरान, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दरगाह में ‘चादर’ पेश की थी।