तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएमओ के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, 10 साल पहले हमारे देश में एक छवि बनी हुई थी कि पीएमओ एक शक्ति का केंद्र है, एक बहुत बड़ा पावर सेंटर है और मैं न सत्ता के लिए पैदा हुआ हूं और न मैं शक्ति आर्जित करने के लिए सोचता हूं। यह न तो मेरी इच्छा है और न ही मेरा रास्ता है कि पीएमओ एक पावर सेंटर बने।
यह मोदी का पीएमओ नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जिनका ऑफिस इतने बजे शुरू होता है और इतने बजे खत्म होता है। हम वो लोग नहीं हैं, हम समय से बंधे नहीं हैं, हमारी सोच की कोई सीमा नहीं है, और हमारे प्रयासों का कोई मापदंड नहीं है। जो इससे परे हैं वो मेरी टीम हैं और देश उस टीम पर भरोसा करता है।” उन्होंने कहा कि हमने 2014 से जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है। पीएमओ को लोगों का पीएमओ होना चाहिए और यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता।
10 साल में इतना कुछ दिया
पीएम मोदी ने कहा, जब सरकार की बात आती है, तो अकेला मोदी नहीं होता, उसके जो हजारों दिमाग जो उनके साथ जुड़े हुए हैं, हजारों मस्तिष्क जो इस काम में लगे हैं। हजारों भुजाएं जो इस पर काम कर रही हैं। इस विराट स्वरूप के कारण सामान्य मानव भी इसकी क्षमताओं से रू-ब-रू होते हैं। जिस टीम ने मुझे 10 साल में इतना कुछ दिया, उसमें नया क्या किया जा सकता है, हम और बेहतर कैसे कर सकते हैं, हम और तेजी से कैसे कर सकते हैं।
‘अब भगवान बदल रहे हैं मोदी… जय श्री राम का जवाब जय जगन्नाथ से दे रहे हैं’
इन सबको साथ लेकर अगर हम आगे बढ़ते हैं, तो मुझे पूरा विश्वास है कि देश की 140 करोड़ जनता ने उनके प्रयासों पर अपनी मुहर लगाई है। ये चुनाव मोदी के भाषणों पर मुहर नहीं है, ये चुनाव हर सरकारी कर्मचारी के 10 साल के प्रयासों पर मुहर है। इसलिए, अगर कोई इस जीत का हकदार है, तो वो आप हैं। भारत सरकार का हर कर्मचारी इस जीत का सही मायने में हकदार है। जिसने एक विजन के लिए खुद को झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैं एक नई ऊर्जा, एक नए साहस के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं। मैं रुकने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं।