प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगमा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से बाहर चले जाने के बाद राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैंने उनसे अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को नहीं बल्कि गरिमा को पीछे छोड़ा है।
आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने जो संविधान की शपथ ली थी उसका अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता…मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं…यह एक अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उन्होंने जो शपथ ली थी उसकी अवहेलना की है… भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे आशा है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।”
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए। मोदी ने आगे कहा कि किसी भी सरकार के लिए हमारा संविधान लाइट हाउस का काम करता है। मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो आज जो संविधान की कॉपी लेकर कूद रहे हैं, उन्होंने विरोध किया था। वे कहते थे 26 जनवरी तो है।
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उन्होंने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कुछ को समझ नहीं आया। जिसे समझ आया उन्होंने ऐसा हो हल्ला किया जिससे देश की जनता के फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश की। मैं दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर में उन्हें पराजय भी स्वीकार हो रही है और हमारी विजय भी।