देश में समान नागरिक संहिता को लेकरएक बार फिर से बहस शुरू ही गई है। पिछले दिनों भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी UCC का जिक्र किया था। जिसके बाद से ये माना गया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 का एजेंडा सेट कर दिया है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को UCC के रूप में वो हथियार पकड़ा दिया है, जिसके सहारे उन्हें 2024 की लड़ाई लड़नी है। UCC को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। भाजपा सहित कई दल इसके समर्थन में बयान दे रहे हैं। वहीं कई दल UCC को संविधान के खिलाफ बता रहे हैं।
सुशील मोदी ने किया समर्थन
UCC को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट में कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए। हत्या के मामले में जिस तरह हिंदू मुसलमान सिख ईसाई सब के लिए अलग-अलग कानून लागू नहीं है सबके लिए एक कानून लागू है। उसी तरह एक पुरुष की एक ही पत्नी होनी चाहिए दो पत्नी नहीं होनी चाहिए। किसी पत्नी को तलाक हो जाता है तो उसका कानून समान होना चाहिए। तलाक हो जाने के बाद उसे गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। फैमिली लौ में तरीका अलग अलग हो सकता है ,किसी की शादी पंडित करेगा, किसी का मौलवी करेगा ,किसी का किरिशचन करेगा , आर्य समाज समाज शादी करवा सकता है लेकिन सबके लिए एक कानून बने यही तो सामान कानून अचार संगीता है।
कुछ जगह पर लड़कियों को लेकर दबाव है। कई कानून में लड़कियों को उनके बाप दादा के संपत्ति पर अभी भी अधिकार नहीं किए गए हैं। कुछ लोग जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं कि आपके व्यक्तिगत कानून को खत्म कर दिया गया है यह गलत है। अगर किसी धर्म में यह कहा जा रहा है कि 4 विवाह किया जा सकता है तो क्या आज के जमाने में यह उचित होगा? कॉमन सिविल कोड जैसे आधा दर्जन मामले में कानून क्यों नहीं लागू हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी किसी के लिए मांग कर रही है।
ये दल समर्थन में
UCC लागू करने को लेकर भाजपा को कुछ विरोधी दलों का समर्थन मिलता हुआ भी दिख रहा है। आम आदमी पार्टी ऐसे तो केंद्र सरकार के हर फैसले के खिलाफ रहती है लेकिन UCC के मुद्दे पर समर्थन में दिख रही हैं। वही दबी आवाज में ही सही शिवसेना( उद्वव ) भी समर्थन में दिख रही है। हालांकि महाराष्ट्र में शिवसेना( उद्वव ) की साथी एनसीपी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को UCC पर बयान ना देने की नसीहत दी है,वही कांग्रेस UCC के सख्त खिलाफ है। एनसीपी और कांग्रेस के कारण शिवसेना( उद्वव ) पर भी दबाव बना हुआ है। जिस करण अभी खुल कर एस मामले सामने नहीं आई है। लेकिन अंदर खाने चर्चा यही है कि शिवसेना( उद्वव ) UCC के समर्थन में है।