कांग्रेस में गांधी परिवार का रसूख पुराना है। परिवार के सदस्य चुनिंदा सीटों से लड़ते रहे हैं। पिछले कई चुनावों में रायबरेली और अमेठी गांधी परिवार की पसंदीदा और चुनिंदा सीट थी। लेकिन 2019 में राहुल गांधी की अमेठी से हार के बाद अब गांधी परिवार ने अमेठी से किनारा कर लिया। 2019 में राहुल गांधी वायनाड से संसद पहुंचे थे। अब उपचुनाव के जरिए प्रियंका गांधी ने भी वायनाड को चुना है। कांग्रेस ने इस पर आधिकारिक मुहर उपचुनाव के उम्मीदवार के तौर पर प्रियंका गांधी का नाम घोषित कर लगा दी।
दरअसल, 2024 में भी राहुल गांधी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। वायनाड के साथ राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा। राहुल दोनों सीटों पर जीते तो उन्होंने 2019 में भी जीती वायनाड सीट खाली कर दी। अब इस सीट पर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ी तो वहां राहुल शिफ्ट हो गए। राहुल ने वायनाड सीट छोड़ी तो प्रियंका वहां से पॉलिटिकल डेब्यू करने की कोशिश में हैं।
17 जून को वायनाड सीट छोड़ते वक्त राहुल गांधी ने इमोशनल होते हुए कहा था कि “वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। लेकन अब प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। यह एक कठिन निर्णय था।”
वहीं प्रियंका गांधी ने अपनी उम्मीदवारी पर कहा था कि “मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में बहुत खुशी होगी। मैं उन्हें उनकी अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।”