वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक के बाद विवाद बढ़ गया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और JPC के सदस्य कल्याण बनर्जी ने बैठक की प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा, “आज उन्होंने वही किया जो पहले से तय था। हमें बोलने का मौका नहीं दिया गया। किसी भी नियम या प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। शुरू में, हमने दस्तावेज, अभ्यावेदन और टिप्पणियां मांगी थीं, लेकिन वे उपलब्ध नहीं कराए गए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने खंड दर खंड चर्चा की शुरुआत की, लेकिन विपक्ष के सदस्यों की बात सुनने से इनकार कर दिया। बनर्जी ने कहा, “हमने पहले व्यापक चर्चा की मांग की, लेकिन इसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। संशोधन प्रस्ताव लाए गए और उन पर हमें बोलने का मौका भी नहीं दिया गया। उनके संशोधनों को पारित किया गया, जबकि हमारे संशोधन खारिज कर दिए गए।” TMC सांसद ने इसे “लोकतंत्र का काला दिन” करार दिया और आरोप लगाया कि “जगदंबिका पाल लोकतंत्र के सबसे बड़े ब्लैकलिस्टर हैं। उन्होंने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है।”
इस बयान के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पहले से ही संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है, और अब JPC बैठक में हुए विवाद ने इसे और गरमा दिया है। इस पर सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ने की संभावना है।