आज भले ही लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद भी राहुल गांधी के पक्ष में कोई माहौल बनता नहीं दिख रहा है, लेकिन 48 साल पहले उनकी दादी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता का रद्द होना ही उनके लिए संजीवनी बन गया था। इंदिरा गांधी भी राहुल की तरह कानूनी दाव-पेंच में फंसी थी। जब इलाहाबाद हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया था। जो अगले ही पल देश की राजनीति को बदलने वाला था। इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने कई दौर की सुनवाई के बाद रायबरेली में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी को धांधली का दोषी पाया था। इसके बाद उनका चुनाव रद्द कर दिया गया था। इसके बाद क्या हुआ, वह सब इतिहास में है।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द, चुनाव लड़ने पर भी लग सकती है रोक
इंदिरा गांधी ने 1980 में कराई थी कांग्रेस की वापसी
इलाहाबाद हाई कोर्ट से इंदिरा गांधी दोषी करार दी गईं और उनकी सदस्यता रद्द करने के साथ उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई। खुद को बचाने के लिए इंदिरा ने देश में आपातकाल लगा दिया। इस फैसले के बाद देशभर में हो रहे विरोधों ने इंदिरा को बहुत नुकसान पहुंचाया। 1977 में आपातकाल हटाकर चुनाव कराया तो वह बुरी तरह हार गईं। ये पहला और आखिरी मौका था जब इंदिरा चुनाव में हारीं। उसके बाद 1978 में वह कर्नाटक के चिकमंगलूर से 70,000 से ज्यादा मतों उपचुनावों में जीतकर लोकसभा में पहुंचीं। 1980 में आंतरिक टूट के बाद जनता पार्टी की सरकार गिर गई और फिर आम चुनाव की घोषणा हुई। इंदिरा के सामने जगजीवन राम और चौधरी चरण सिंह जैसे दिग्गज नेताओं की चुनौती थी, लेकिन इंदिरा की राजनीतिक लड़ाई ने कांग्रेस की वापसी करा दी। 1980 में कांग्रेस ने 529 में 363 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की।
जब सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा
साल 2006 में देश में यूपीए का शासन था और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरोपी में घिरी हुई थीं। जब संसद में ‘लाभ के पद’ का मामला जोर-शोर से उठा। दरअसल सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद थीं। इसके साथ ही वह यूपीए सरकार के समय गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरमैन भी थीं, जिसे ‘लाभ का पद’ करार दिया गया था। इसकी वजह से सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने रायबरेली से दोबारा चुनाव लड़ा था। इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी दोनों ने ही जो भी राजनीतिक दांव-पेच सहे और उठा-पटक देखे, उसके बाद उन्होंने दोबारा मजबूती से वापसी की है। राहुल गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जिनकी सदस्यता गई है।