उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को भड़की हिंसा मामले पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से संभल के लिए निकला। वे उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा प्रभावित घटनाओं का जायजा लेने के लिए जा रहे थे। हालांकि, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिंसा प्रभावित संभल जाने के रास्ते में गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया है। इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता दिल्ली लौटे।
इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच काफिला को आगे बढ़ने देने के लिए तीखी नोकझोंक भी हुई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इजाजत नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है लेकिन फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं। मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं, मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं लेकिन वे इस पर भी राजी नहीं हुए।
अब वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं, तो वे हमें जाने देंगे। यह विपक्ष के नेता के अधिकारों के खिलाफ है, हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ। मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। यह नया भारत है, यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है, हम लड़ते रहेंगे।
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वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें इस तरह से रोका नहीं जा सकता। उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए कि वो पीड़ितों से मिलने जाए। उन्होंने ये भी कहा कि वह यूपी पुलिस के साथ अकेले चले जाएंगे लेकिन यह भी करने के लिए तैयार नहीं हुए। पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।