राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई किस्से उछल रहे हैं। कोई ये पूछ रहा है कि राहुल गांधी केरल में ज्यादा दिन क्यों टिके? तो किसी का सवाल ये भी है कि राहुल गांधी गुजरात क्यों नहीं जा रहे, जबकि वहां चुनाव होना है? अब इन सवालों के जवाब तो राहुल गांधी ही दे सकते हैं। लेकिन राहुल गांधी की यात्रा को कांग्रेस के नेता विश्वास वापसी की यात्रा के तौर पर देखने लगे हैं। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इससे कांग्रेस का खोया जनाधार वापस होगा। लेकिन इसमें राहुल गांधी के कई अपने उनका साथ नहीं दे रहे हैं, यह भी इसी यात्रा की एक हकीकत है।
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विपक्ष के दलों को बुलाना चाहते हैं राहुल!
पिछले दिनों राहुल गांधी ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया था। उसमें राहुल अपने साथियों से यह सवाल पूछते हैं कि विपक्षी दलों के किसी नेता को यात्रा में आमंत्रित करना चाहते हैं? जवाब इंटरेस्टिंग आए। कन्हैया कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिया। उन्होंने यह भी कहा कि वे 25 किलोमीटर भी नहीं चल सकेंगे। वहीं राहुल गांधी की दूसरी सहयोगी ने स्मृति ईरानी का नाम लिया। अब ये बात तो हो गई विपक्षी दलों के नेताओं से जुड़ी। अब बात करें राहुल गांधी के सहयोगियों की तो कल तक उनकी पार्टी जिसके साथ सरकार चला रही थी, उसी पार्टी के नेता भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो रहे हैं।
नहीं शामिल होंगे शरद पवार
चर्चा थी कि एनसीपी प्रमुख भी राहुल गांधी की यात्रा को ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि शरद पवार इसमें शामिल नहीं होंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार स्वास्थ्य कारणों से कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है। जयराम रमेश ने कहा कि कुछ दिन पहले ही शरद पवार ने यात्रा में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन चिकित्सकों की सलाह के मद्देनजर वह यात्रा में शामिल नहीं होंगे । हालांकि पवार की बेटी और एनसीपी की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल तथा एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं।