संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की संस्थाओं पर कब्जा हो गया है। राजनीतिक और सामाजिक समानता खत्म हो गई है। हमारा पहला कदम जातिगत जनगणना होगी। इसके बाद नई तरीके से राजनीति होगी और देश का विकास होगा। हम 50 फीसदी आरक्षण की दीवार तोड़ेंगे। भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपसे (सत्ता पक्ष) पूछना चाहता हूं, क्या आप अपने नेता के शब्दों पर कायम हैं? क्या आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं? क्योंकि जब आप संसद में संविधान की रक्षा के बारे में बोलते हैं, तो आप सावरकर का उपहास कर रहे होते हैं, आप सावरकर को गाली दे रहे होते हैं, आप सावरकर को बदनाम कर रहे होते हैं।
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राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपना भाषण भाजपा के नहीं बल्कि RSS के विचारों की आधुनिक व्याख्या करने वाले सर्वोच्च नेता के कथन को उद्धृत करके शुरू करना चाहता हूं, जो भारत के संविधान के बारे में और उनके विचार से भारत को कैसे चलाया जाना चाहिए, के बारे में कहते हैं – “भारत के संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति वह धर्मग्रंथ है जो हमारे हिंदू राष्ट्र के लिए वेदों के बाद सबसे अधिक पूजनीय है और जिससे हमारी प्राचीन संस्कृति, रीति-रिवाज, विचार और व्यवहार का आधार बना है। इस पुस्तक ने सदियों से हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को संहिताबद्ध किया है। आज मनुस्मृति ही कानून है।” ये सावरकर के शब्द हैं…सावरकर ने अपने लेखन में स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस पुस्तक से भारत चलता है, उसे इस पुस्तक से हटा दिया जाना चाहिए। इसी बात को लेकर लड़ाई है…”
राहुल गांधी ने कहा, “…हम यहां जाति जनगणना लागू करेंगे और उसके बाद हिंदुस्तान में एक नए तरह का विकास, एक नई तरह की राजनीति होगी… हम यहां 50% आरक्षण की दीवार को तोड़ेंगे और हम यहां जाति जनगणना कराएंगे।” राहुल गांधी ने कहा, “…अंबेडकर जी ने कहा था – ‘अगर राजनीतिक समानता है लेकिन सामाजिक और आर्थिक समानता नहीं है, तो राजनीतिक समानता नष्ट हो जाएगी’, ये अंबेडकर जी के शब्द हैं। आज ये सबके सामने है। राजनीतिक समानता खत्म हो गई है। भारत की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है, सामाजिक समानता नहीं है, आर्थिक समानता नहीं है, इसलिए हमारा अगला कदम जाति जनगणना होगी…”
राहुल गांधी ने कहा, “यह अभयमुद्रा है। आत्मविश्वास, शक्ति और निर्भयता कौशल से, अंगूठे से आती है। ये लोग इसके खिलाफ हैं। जिस तरह से द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था, आप पूरे देश का अंगूठा काटने में व्यस्त हैं… जब आप धारावी को अडानी को सौंपते हैं, तो आप उद्यमियों, छोटे और मध्यम व्यवसायों के अंगूठे काट देते हैं। जब आप भारत के बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रक्षा उद्योग को अडानी को सौंपते हैं, तो आप भारत के उन सभी निष्पक्ष व्यापारियों के अंगूठे काट देते हैं जो ईमानदारी से काम करते हैं।”