मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। शांति बहाली के दावे धराशाई हो रहे हैं। अब कांगपोकपी जिले में दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई गोलीबारी और बमबाजी में फंसने के बाद 46 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। मणिपुर की हिंसा पर मीडिया की चुप्पी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने निशाना साधा है।
उन्होंने एक्स पर लिखा है- मणिपुर पर भाजपा और उसके पे-रोल पर काम करने वाला खुद को मीडियाकर्मी बताने वाला कोई कुछ नहीं बोलता। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा, उसकी विखण्डनकारी विचारधारा के हिमायतियों-अनुयायियों और भाजपा के इशारे पर नाचने वाली मीडिया के लिए मणिपुर देश का हिस्सा है ही नहीं ! दूसरे देश के अंदरूनी मामलों की चिंता से दुबली होने वाली इस पूरी जमात के मणिपुर पर मौन साधने से ही ये जाहिर होता है कि पिछले लगभग डेढ़ वर्षों से जल रहे मणिपुर की हिंसा व् अराजकता के पीछे कौन है! हैरान करने वाली, अफसोसजनक बात तो ये है कि इस जमात के एजेंडे में पड़ोसी देश बांग्लादेश व् युद्धरत दूसरे देशों के हालात पर निरंतर बोलने और बहस करने के लिए वक्त तो है, पर मणिपुर के लिए, चिंता तो दूर की बात, वक्त तक नहीं है।
मणिपुर में आम लोग मारे जा रहे हैं, सेना व् पुलिस के जवान मारे जा रहे हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है, महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया है, सार्वजनिक- सरकारी व् निजी सम्पत्तियों को जलाया गया/जा रहा है, ड्रोन-बम से हमले हो रहे हैं। सरकार में शामिल लोगों के द्वारा हिंसा फ़ैलाने व् जारी रखने के लिए दिए गए निर्देशों की ऑडियो-क्लिपिंग्स पब्लिक-डोमेन में है।
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रोज राज्य के हरेक कोने से हिंसा व् उपद्रव की घटनाओं की खबरें सामने आतीं /आ रहीं हैं। बावजूद इन सब के विदेश-भ्रमण की मटरगश्ती का शौक पालने वाले ‘चौपट राजा’ का मणिपुर का रुख करने के लिए एक दिन भी नहीं निकल पाना और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का नहीं लगाया जाना, तो यही साबित करता है कि मणिपुर में जारी तबाही का तांडव देश की सत्ता पर काबिज विखण्डनकारियों की जमात की किसी साजिश का हिस्सा है।