साल 2023 का नौवां महीना सितंबर कहीं आसमानी आग बरसा रहा है तो कहीं बरसाती सैलाब, तो कहीं राजनीतिक बवाल। देश के अलग अलग हिस्सों में कहीं भारी बारिश हो रही है तो कहीं कसमसाती गर्मी। इस बीच राजनीतिक ज्वालामुखी भी सक्रिय हो चुका है। मामला धर्म से जुड़ा हुआ है तो राजनीतिक सक्रियता भी चरम पर है। दरअसल, सनातन धर्म पर एक एक कर कई लोगों ने पिछले कुछ दिनों में हमला बोला है।
तमिलनाडु से हुई शुरुआत
सनातन पर विवादित बयानों की शुरुआत तमिलनाडु सरकार में मंत्री व वहां के सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान से हुई। बाद में इस बयान को तमिलनाडु की सत्ता में बैठी डीएमके के एक अन्य नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने और आगे बढ़ा दिया। उदयनिधि पर सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया, कोरोना से तुलना के आरोप लगे। तो ए राजा ने सनातन की तुलना कुष्ठ और एड्स से कर दी। वहीं सनातन को तनातन बोलकर पहले से विवादों में रहे एक्टर प्रकाश राज ने फिर सनातन को डेंगू बता दिया। इन विवादित बयानों पर विरोध के स्वर तो पहले से ही तेज हैं, अब भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने अंदाज में सनातन का अपमान करने वालों को ‘श्राप’ दिया है।
“जिसने जैसा बोला, वैसा भोगे”
भोपाल की भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी ने कहा कि प्रकाश राज को नायक नहीं है। वो खलनायक है। जिसको अहसास ही नहीं कि हम कहां रह रहे हैं और किसके खिलाफ बोल रहे हैं, वो विलेन ही हो सकता है। वैसे सनातन को समाप्त करने की औकात किसी में नहीं है। साध्वी यहीं नहीं रुकी उन्होंने यह भी कह दिया है कि जिसने जैसा बोला है वैसे ही भोगे। साध्वी ने श्राप देते हुए कहा कि “जिसने सनातन धर्म को कुष्ट रोग बोला है वह कुष्ट रोग का सुख भोगे। जिसने सनातन धर्म को एड्स बोला है वह एड्स का सुख भोगे। जिसने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू बोला वह मलेरिया और डेंगू का सुख भोगे, क्योंकि उन्हें बहुत अच्छा लगता है और जिसने कुष्ट रोग कहा वह कुष्ट रोग का सुख भोगे। प्रभु उन्हें भरपूर देना।”
जी 20 तक शांत रहा विवाद फिर उफान पर
वैसे तो सितंबर माह की शुरुआत में ही उदयनिधि का बयान सामने आया था और बवाल तभी से शुरू हो गया। लेकिन बीते दिनों में जी 20 के दौरान ऐसे बयान नहीं आए। अब जी 20 समिट समाप्त हो चुका है, तो इस विवाद ने फिर तूल पकड़ लिया है। वैसे सनातन विरोध की बातों के बीच संसद के विशेष सत्र की भी चर्चा है।