सनातन धर्म पर विवाद की हालिया शुरुआत तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के एक स्टेटमेंट के बाद शुरू हुई। उदयनिधि द्वारा सनातन की तुलना में बीमारियों का नाम लेने के बाद देश भर में अलग अलग स्तर पर विरोध शुरू हुआ। डीएमके के वरिष्ठ नेता ए राजा के बयानों ने उदयनिधि के बयानों को और हवा दे दी। लेकिन भाजपा के मंत्रियों, नेताओं ने सनातन को लेकर आक्रामक रुख अपनाया, तो डैमेज कंट्रोल के लिए खुद सीएम एमके स्टालिन आ गए। स्टालिन ने पीएम मोदी की अलग अलग मुद्दों पर चुप्पी को निशाना बनाते हुए अपनी पार्टी के नेताओं को भी समझाया कि उलझाने वाले बयान न दें। स्टालिन के इस स्टेटमेंट के अगले ही दिन पीएम मोदी ने सनातन पर मोर्चा खोला और डीएमके के साथ पूरे विपक्षी दलों के गठबंधन पर सनातन की खिलाफत का आरोप लगाया।
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एमके स्टालिन ने दी थी चुनौती
दरअसल, सनातन विरोध जब तूल पकड़ने लगा तो बीचबचाव की मुद्रा में एमके स्टालिन आ गए। स्टालिन ने पहले तो पीएम मोदी को कोसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आम आदमी के मुद्दों पर चुप रहते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की कैबिनट झूठ फैलाकर सनातन धर्म विवाद को तूल दे रही है। वहीं कुछ मीडियावाले उनका साथ दे रहे हैं। स्टालिन ने विवाद को तूल देने का आरोप मोदी कैबिनेट के मंत्रियों पर लगाया। तब तक पीएम ने अपने मुंह से कुछ नहीं कहा था। लेकिन मध्यप्रदेश की चुनावी रैली में पीएम मोदी सनातन विवाद के मुद्दे पर ऐसे बोले जैसे स्टालिन की चुनौती उन्होंने स्वीकार की है। स्टालिन ने पीएम मोदी पर आम आदमी के मुद्दों पर नहीं बोलने की बात कही। तो जवाब में पीएम मोदी ने सनातन धर्म को ही आम आदमी का मुद्दा बनाने की कोशिश की।
स्टालिन ने नेताओं को समझाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को I.N.D.I.A. पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सनातन को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई की बैठक में संकल्प लिया गया है। ये लोग सनातन को खत्म करके देश को फिर से गुलामी के दौर में ले जाना चाहते हैं। वहीं चारों ओर से घिरते नजर रहे एमके स्टालिन ने अब अपने कार्यकर्ताओं को सनातन विवाद से दूरी बनाने की बात कही है। स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा इस बयान को लेकर हथकंडे अपना रही है। ऐसे में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना है और इससे दूरी बनाकर रखनी है।
तमिलनाडु सीएम ने यह भी कहा था कि द्रमुक नेताध्यान भटकाने वाली रणनीति पर प्रतिक्रिया न करें और मणिपुर हिंसा, अडानी हिंडनबर्ग, सीएजी रिपोर्ट में 7.50 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा से सवाल पूछते रहें। साथ ही 9 साल की मोदी सरकार की विफलताओं पर भी सवाल करें।