पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से बड़ी खबर सामने आ रही है। ED पर हुए हमले के बाद से TMC नेता शाहजहाँ शेख फरार चल रहे हैं। इधर कुछ समय पहले स्थानीय महिलाओं द्वारा शेख के घर पर प्रदर्शन किया गया और उनकी एक पोल्ट्री फॉर्म को भी आग लगा दिया गया। हालांकि ये हिंसात्मक विरोध वहां की महिलाओं के द्वारा क्यों हुआ, इसके पीछे के कारण को आप यदि जानेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी। जी हाँ, स्थानीय महिलाओं ने ये पर्दाफाश किया है कि शाहजहाँ शेख की टीएमसी पार्टी में यहाँ के लोग और उनके समर्थक गांव में घर-घर जाकर सर्वे करते हैं। इस दौरान अगर घर में कोई सुंदर महिला, खासतौर पर लड़की या युवा पत्नी दिखती है तो वो लोग उसे पार्टी ऑफिस ले जाते हैं। जिस महिला को पार्टी ऑफिस ले जाया जाता है उसे कई रातों तक वहीं रखा जाता है। महिलाओं ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि शाजहां की अनुपस्थिति ने उन्हें कई वर्षों से अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में बोलने की हिम्मत दी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां शेख से साथ ही टीएमसी की अन्य नेताओं उत्तम सरदार और शिबप्रसाद हाजरा पर भी इन सभी में शामिल होने के आरोप लगाए। ये दोनों नेता शाहजहां शेख के करीबी बताए जाते हैं।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस की ओर से गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट ने इस घटना को और ज्यादा सुर्खियों में ला दिया है। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में संदेशखाली पुलिस पर उपद्रवी तत्वों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया है। बीते पांच जनवरी को राशन घोटाले में उनकी भूमिका की जांच करने पहुंची ईडी टीम पर हमला हुआ था। उस वक्त ईडी की टीम शाहजहां शेख के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची थी। ईडी की टीम पर यह हमला संदेशखाली में ही हुआ था। शाहजहां शेख तब से ही फरार हैं। वहीं, इस घटना के बाद संदेशखाली की महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर कई आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दरअसल ED की टीम पर शाहजहाँ शेख के समर्थकों द्वारा दबिस के वक़्त पथराव किया गया था,जिसमे कई ED के अफसर भी हताहत हो गए थे और जिसके बाद से शाहजहां शेख फरार हो गए और समन करने के बावजूद एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। अब संदेशखाली में 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इन महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने और जबरन जमीन कब्जाने जैसे कई आरोप लगाए। 9 फरवरी को तनाव तब बढ़ गया जब प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के स्वामित्व वाले तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया। महिलाओं का दावा था कि वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन पर बने थे।