आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नीट की परीक्षा (NEET Exam) में हुई धांधली पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 24 लाख बच्चे यदि दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं तो केंद्र सरकार को इसे मान लेना चाहिए। दिल्ली सरकार में मंत्री व AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज बिहार से जो खबर आई है वह बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले 13 लोगों को एक सेफ हाउस में ले जाया गया था। उनको वहां पर नीट का पेपर दिया गया. इसके बदले उनके मां बाप से 30 से 60 लाख रुपये ले लिए गए।
पेपर लीक हुआ था
5 मई को NEET की परीक्षा हुई और 4 मई को बिहार में पेपर लीक हो गया। प्रश्नपत्र कुछ छात्रों को दिया गया और सेफ लोकेशन पर ले जाया गया, उनके मोबाइल ले लिए गये, उनको प्रश्न पत्र एक दिन पहले दे दिया गया और फिर उनको अपनी हिरासत में लेकर जा कर एग्जाम दिलाया गया और वे छात्र परीक्षा में पास भी हो गए। पुलिस ने इस मामले में चार छात्रों को गिरफ्तार किया है। इस घटना से पता चलता है कि पेपर लीक हुआ था। केंद्र सरकार चुप है। न तो CBI जांच हो रही है और न ही दोबारा परीक्षा कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश भर से 24 लाख से अधिक बच्चों ने डॉक्टर बनने की ख्वाहिश लिए नीट की परीक्षा दी थी। साल भर मेहनत कर एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट का एग्जाम दिया। अब लगातार खबरें आ रही हैं कि इस एग्जाम में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। जो बच्चे 24 में से 18 घंटे पढ़ते थे कि उन्हें डॉक्टर बनना है आज उनका दिल टूटा हुआ है। गुजरात में जिस सेंटर पर पेपर लीक हुआ था। वहां पर कहा गया था पेपर लेकर उत्तर वाली सीट खाली छोड़ दीजिए। उस सेंटर के टीचर उत्तर वाली सीट में सही उत्तर भर देंगे।
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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि छात्र और बेरोजगार लोग प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि छोटे से लेकर बडे एग्जाम लीक हो जाते हैं। दिन रात मेहनत करने वाले युवा दर दर भटक रहे हैं। न्याय मांग रहे हैं। मैं लोगों से निवेदन करना चाहता हूं कि हमें क्या वाली ये जो सोच है, इससे देश को बहुत नुकसान हो रहा है। अपने इन 24 लाख बच्चों के लिए खड़े हो जाइए। नहीं तो इस देश से शाख खत्म हो जाएगी। बाहर के तमाम देशों में यहां के डॉक्टरों की मांग इसलिए बहुत ज्यादा है, क्योंकि भारत का एग्जाम और कंपटीशन को सब लोग मानते हैं। जो बच्चे 60 लाख रुपये देकर एग्जाम को पास करेंगे वह क्या डाक्टर बनेंगे। वो क्या इलाज करेंगे। सभी लोगों को 24 लाख बच्चों के लिए आवाज उठानी चाहिए।