सुप्रीम कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के आरोपों पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि, जबकि वह छात्रों और प्रदर्शनकारियों की भावनाओं को समझता है, लेकिन इस मामले में स्थानीय न्यायालय से न्याय प्राप्त करना ज्यादा उपयुक्त होगा।
बिहार विधान परिषद उपचुनाव : NDA ने किया उम्मीदवार का ऐलान… JDU के ललन प्रसाद को मिला टिकट
13 दिसंबर, 2024 को आयोजित 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा में व्यापक अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे। अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों का आरोप लगाया था, जिससे हजारों छात्रों को नुकसान हुआ। छात्रों ने प्रदर्शन भी किया, जिनमें बिहार पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज का मामला भी शामिल था।
बिहार विधान परिषद उपचुनाव : NDA ने किया उम्मीदवार का ऐलान… JDU के ललन प्रसाद को मिला टिकट
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर सुनवाई की। बेंच में जस्टिस संजय कुमार और के. वी. विश्वनाथन भी शामिल थे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह अपील की थी कि बिहार पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया था और यह मामला पटना हाई कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिया जा सकता था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और मामले की सुनवाई के लिए पटना हाई कोर्ट को उचित मंच बताया।
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट पहले स्तर पर इस मामले की सुनवाई के लिए उपयुक्त नहीं है और इसे पटना हाई कोर्ट में अनुच्छेद 226 के तहत प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में स्थानीय न्यायालय अधिक सक्षम होते हैं और इससे मामले की गहन जांच संभव होगी। अब याचिकाकर्ता को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए पटना हाई कोर्ट का रुख करना होगा।