नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसपर लंबी चली सुनवाई के बाद आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के पक्ष में सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल की गई याचिका को खारिज करते हुए केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को सही बताते हुए नोटबंदी में उचित प्रक्रिया के पालन किए जाने की बात को माना है।
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पांच जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाया है। पांच में से चार जजों ने इसे सही ठहराया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि नोटबंदी एक आर्थिक फैसला हैहै इसलिए इसे पलता नहीं जा सकता है। पांच जजों के बेंच में शामिल चार जज, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम ने केंद्र सरकार को क्लीन चिट दिया। जबकि एक और जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी को गैरकानूनी बताया। हालांकि बहुमत के आधार पर आखिरी फैसला सुनाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल 58 याचिकाओं को खारिज करते हुए केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।
RBI के सलाह पर हुई नोटबंदी
दरअसल 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1000 और 500 रुपए के नोट को बंद करने का ऐलान किया था। इसी फैसले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 58 याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी। जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। ये भी आरोप लगाया गया था कि केद्र सरकार ने बिना RBI से विचार-विमर्श किए ही इस नोटबंदी किया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार और RBI से जवाब तलब किया था। सरकार और RBI के जवाब के आधार पर कोर्ट ने सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया। सरकार और RBI ने बताया कि नोटबंदी का फैसला RBI के सलाह पर ही लिया गया है।