पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल में हुए ED पर हमले और हिंसा मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने उक्त मामले में एसआईटी को बर्खास्त नकारते हुए जांच में लगी पश्चिम बंगाल पुलिस पर रोक लगाया है। इस मामले को CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से गिरफ़्तार किए गए पूर्व टीएमसी नेता शेख शाहजहां को भी आज मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक CBI को सौंपने को कहा है। हाईकोर्ट ने ED कुल तीन जांच CBI को सौंपने का निर्देश दिया गया है। इनमें नजात और बनगांव थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच तो CBI करेगी हीं, साथ हीं जांच से संबंधित सारे दस्तावेजों को CBI को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
इस मामले में ED ने सीबीआई जांच की मांग कर याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई पूरी हुई थी। मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ED, राज्य सरकार और केंदीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने राज्य पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया और कहा कि यद्यपि शेख के खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे वर्षों से लंबित हैं, लेकिन पुलिस ने संदेशखाली में शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा कि शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी थी। राजू ने दावा किया कि ऐसा शेख को सीबीआई हिरासत से बचाने के लिए किया गया था।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच हस्तांतरित करने की अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि राज्य पुलिस ने ही ED अधिकारियों को बचाया और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से उनके लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने में सफलता हासिल की। सीबीआई के वकील ने कहा था कि अगर अदालत निर्देश देगी तो एजेंसी जांच करने को तैयार है। अब CBI जांच के आदेश मंगलवार को दे दिए गए हैं।