फिल्म और वेब सीरिज में बेसिक अंतर ये है कि फिल्म एक धारा में चलती है और वेब सीरिज एक साथ कई धाराओं में। पिछले दिनों जिस श्रद्धा वाल्कर ह’त्याकांड का खुलासा हुआ है, वो किसी सस्पेंस वेब सीरिज से कम नहीं है। दरअसल, इस ह’त्या में कई परतें हैं। धीरे धीरे पुलिस हर परत खोल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्वेस्टिगेशन कर रही पुलिस को इस बात के सबूत मिले हैं कि श्रद्धा और आफताब दिल्ली शिफ्ट नहीं होने वाले थे। बल्कि आफताब ने Shraddha को बरगला कर दिल्ली में शिफ्ट किया। दरअसल, आफताब और Shraddha हिल स्टेशन गए थे छुट्टियां मनाने।
Shraddha Murder Case: ऐसे बच जाती श्रद्धा की जान, लेकिन नहीं हुआ वो काम
साजिश, ह’त्या और ब’र्बरता!
श्रद्धा की मौ’त हो चुकी है। मौ’त का कारण सबको पता चल गया है। लाश टु’कड़ों में बंटी है। टुकड़े जोड़े जा रहे हैं। लेकिन मा’र देने के बाद छिपाने के लिए ला’श के टुकड़े किए गए, सच इतना ही नहीं है। सच इससे कहीं आगे है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आफताब ने श्रद्धा की ह’त्या न क्षणिक गुस्से में की और न ही इसका कोई तात्कालिक कारण था। बल्कि श्रद्धा के ह’त्या की साजिश रची गई थी। उसके बाद उसे मा’रा गया और फिर उसकी ला’श के टु’कड़े किए गए।
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हिल स्टेशन पर बनाया दिल्ली में ह’त्या करने का मंसूबा
आफताब ने मन में ठान लिया था कि उसे श्रद्धा की ह’त्या कर देनी है। लेकिन आफताब उस ह’त्या में खुद पर खून के छींटे आने नहीं देना चाहता था। लिहाजा वो सही मौके की तलाश कर रहा था। तभी हिल स्टेशन पर आफताब की मुलाकात बद्री नाम के शख्स से हुई। बद्री दिल्ली के छतरपुर का रहने वाला था। उससे मिलने के बाद ही दिल्ली के छतरपुर में रहने का प्लान आफताब ने बनाया।
जंगल के पास लिया फ्लैट
दिल्ली के जिस इलाके में आफताब ने श्रद्धा के साथ रहने की प्लानिंग की, उसके पास जंगल था। इससे पहले वो साउथ दिल्ली के सैदुल्लाजाब इलाके में भी रहे। लेकिन बाद में आफताब ने छतरपुर में एक ऐसा फ्लैट लिया, जहां आसपास जंगल था। इसके बाद आफताब ने श्रद्धा की ह’त्या दिल्ली आने के 10 दिन बाद ही कर दी।
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