मंगलवार सुबह दिल्ली-NCR, बिहार और पश्चिम बंगाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई। इसका केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है।
बिहार में सबसे ज्यादा असर
सुबह करीब 6:30 बजे बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजधानी पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, गोपालगंज, मधुबनी, जहानाबाद, मोतिहारी और किशनगंज जैसे जिलों में लोग घरों से बाहर निकल आए। पटना में सुबह 6:32 बजे धरती पहले हल्के और फिर तेज झटकों से हिलने लगी। नींद में सो रहे लोग अचानक जाग गए और जान बचाने के लिए घरों से बाहर निकलने लगे।
दिल्ली-NCR और पश्चिम बंगाल में भी झटके
दिल्ली-NCR में भी सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, नुकसान की अभी कोई खबर नहीं है। पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भी लोगों ने झटकों को महसूस किया।
प्रशासन की अपील
भूकंप के बाद प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े झटकों के बाद हल्के झटके (आफ्टरशॉक्स) आने की संभावना रहती है। लोगों को घरों के बाहर खुले स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
मंगलवार सुबह आए भूकंप के झटकों का असर न केवल लोगों के जनजीवन पर पड़ा, बल्कि रेलवे परिचालन भी बाधित हुआ। किशनगंज में कई ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
प्रमुख ट्रेनें रुकीं
कंचनकन्या एक्सप्रेस को पांजीपाड़ा स्टेशन पर रोक दिया गया, जबकि राधिकापुर डीएमयू ठाकुरगंज स्टेशन पर रुकी रही। दार्जिलिंग मेल को सुरक्षा के मद्देनजर पटरियों की जांच के बाद एक घंटे की देरी से किशनगंज स्टेशन से रवाना किया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के बाद पटरियों की जांच की गई ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
अन्य राज्यों और पड़ोसी देशों में भी असर
भूकंप का असर नेपाल, भूटान, सिक्किम और उत्तराखंड में भी महसूस किया गया। हालांकि, भारत में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई सूचना नहीं मिली है।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के बाद हल्के झटके (आफ्टरशॉक्स) आने की संभावना रहती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और घबराने के बजाय खुले स्थानों पर रहने की सलाह दी है।