दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई में केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है। Supreme Court में दिल्ली के सिविल सर्वेंट्स के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार को लेकर चल रहे विवाद पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद फैसले ने केंद्र सरकार को झटका दिया है। साथ ही दिल्ली के LG के रोल को भी इस मामले में सीमित किया गया है। जबकि दिल्ली में सीएम का कद इस फैसले के बाद बढ़ा है।
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सरकार की बात मानेंगे LG
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी का यह मामला अधिकारों के चयन को लेकर है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हुआ है कि एलजी को दिल्ली सरकार की बात माननी होगी। अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होना चाहिए। इसलिए उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी।
5 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया है। इसमें CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। इससे पहले कोर्ट ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पांच जजों की संवैधानिक बेंच को यह मामला 6 मई 2022 को रेफर किया गया था।