सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने में देरी पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि एसबीआई ने जानबूझकर आदेश का उल्लंघन किया है और इसके लिए न्यायालय की अवमानना का भी केस चलाया जा सकता है।
एसबीआई ने कोर्ट से कहा कि बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया?
करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एसबीआई 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम पांच बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे।
कोर्ट ने कहा कि हम अभी नहीं चाहते हैं कि अवमानना का केस चलाया जाए, लेकिन अगर एसबीआई जान बूझकर इसी तरह आदेश का उल्लंघन करता है और निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो अवमानना की प्रक्रिया के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगवाई वाली बैंच ने चुनाव आयोग से कहा है कि सभी इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़ों को जुटाकर शुक्रवार (15 मार्च)की शाम पांच बजे तक वेबसाइट पर पब्लिश कर दिया जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाई थी और एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए छह मार्च तक का समय दिया था। वहीं बैंक का कहना था कि आंकड़े इक_ा करने और उन्हें क्रॉस चेक करने में समय लग जाएगा, इसलिए समय को 30 जून तक बढ़ा दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। एडीआर ने मांग की है कि एसबीआई के खिलाफ अवमानना का केस चलाया जाए।