भारत में बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से अधिक रकम लेकर विदेश भाग जाने वाले विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने सजा दी है। सजा कोर्ट की अवमानना करने पर मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार महीने की सजा सुनाई है। साथ ही 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं दिया तो सजा दो महीने बढ़कर छह माह हो जाएगी। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि माल्या के लिए सजा जरुरी है। क्योंकि उसे कोई पछतावा नहीं है।
चार हफ्तों का वक्त
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने माल्या को सजा सुनाई है। साथ ही माल्या को अगले चार सप्ताह में 317 करोड़ रुपए चुकाना है। यह मामला रकम के ट्रांसफर का है। दरअसल, माल्या ने अपने बच्चों के विदेशी खातों में 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किया था। अब कोर्ट ने 8 प्रतिशत ब्याज के साथ यह रकम लौटाने को कहा है, जो 317 करोड़ रुपए होती है। फैसले का अनुपालन नहीं हुआ तो संपत्ति कुर्क होगी।
2016 में UK भाग गया माल्या
विजय माल्या ने 2016 में ही देश छोड़ दिया है। वह यूके में रह रहा है। उस पर 9000 करोड़ से अधिक के लोन की रीपेमेंट करना है। लेकिन अदालतों के आदेश की लगातार वो अवहेलना कर रहा है। माल्या के खिलाफ SBI के नेतृत्व में 13 बैंकों ने लंदन की अदालत में याचिका दायर की थी। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ एक अतिरिक्त लेनदार इस केस में मुख्य याचिकाकर्ता थे।