सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने आज शनिवार को कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सौंप दी है। यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद मामले को दीवानी न्यायाधीश से जिला न्यायाधीश, वाराणसी को स्थानांतरित करने के आदेश के एक दिन बाद आया है।
मामला जिला न्यायाधीश वाराणसी को स्थानांतरित
अजय प्रताप सिंह ने कहा कि SC ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को जिला न्यायाधीश, वाराणसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। इसमें अब हमारी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि 3 दिन के सर्वेक्षण के बाद हमने तस्वीरें और वीडियो सौंपे हैं। आठ सप्ताह का समय दिया गया है फिर हाई कोर्ट मामले की फिर से सुनवाई करेगा।
मुसलमानों के लिए ‘वजू’ की पर्याप्त व्यवस्था
गौरतलब है कि सर्वे का काम 14, 15 और 16 मई को किया गया था और इसकी रिपोर्ट 19 मई को सौंपी गई थी। SC ने आगे आदेश दिया कि 17 मई के अपने पहले के अंतरिम आदेश, जिसमें उसने उस क्षेत्र की रक्षा करने का निर्देश दिया। जहां ‘शिवलिंग’ पाया गया था और ‘नमाज’ के लिए मुसलमानों तक पहुंच की अनुमति तब तक जारी रहेगी जब तक कि सूट की स्थिरता तय नहीं हो जाती है। पीठ ने आगे वाराणसी के जिलाधिकारी को विवाद में शामिल पक्षों से सलाह मशविरा करने के बाद मुसलमानों के लिए ‘वजू’ की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा। अब मामले की जुलाई के दूसरे सप्ताह में आगे की सुनवाई होगी।