एनसीपी में टूट के बाद अब एक फिर महाराष्ट्र में पावर पॉलिटिक्स देखने को मिलने वाला है। एक तरफ एनसीपी से बगावत करने वाले अजीत पवार तो दूसरी ओर राजनीति के चणक्य माने जाने वाले शरद पवार गुट के बीच शक्ति प्रदर्शन का खेल होगा। शरद पवार और अजित पवार ने अपनी ताकत दिखाने के लिए बुधवार यानी आज एनसीपी नेताओं की बैठक बुलाई है। एनसीपी किसकी यह तय हो, इसके लिए दोनों गुटों ने आज अलग अलग बैठक बुलाई है। इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आज की बैठक से साफ हो जाएगा कि अजित पवार को कितने विधायकों का समर्थन है या शरद पवार के साथ अभी कितने विधायक हैं? इसके साथ ही एनसीपी के भविष्य का भी फैसला तय हो जाएगा।
नंबर गेम होगा साफ
अजित पवार ने सभी एनसीपी सांसदों, विधायकों, विधानसभा परिषद के सदस्यों, पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को बांद्रा के नए एनसीपी ऑफिस पहुंचने को कहा है। इससे पहले मंगलवार को एनसीपी नेता अजित पवार ने दक्षिण मुंबई में स्थित नए कार्यालय का उद्घाटन किया। वहीं शरद पवार ने भी मंगलवार को वाईबी चव्हाण सेंटर यानी एनसीपी दफ्तर में पार्टी की मीटिंग की। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद रहीं। बुधवार को भी यहीं मीटिंग होगी, जिसमें एनसीपी के सभी नेताओं को एफिडेविट के साथ आने को कहा गया है। अब बुधवार को साफ हो जाएगा कि किस गुट को एनसीपी नेताओं का ज्यादा समर्थन हासिल है।
तीन साल में दूसरी बार बगावत
अजित पवार ने तीन साल में अपने चाचा और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से दूसरी बार बगावत की है। पहली बार अजित पवार ने 23 नवंबर 2019 को राजभवन पहुंच अचानक डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली थी। पिछली बार शरद पवार ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया था और भतीजे अजित की बगावत को 48 घंटे के भीतर विफल कर दिया था। इसके बाद अजित पवार को डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वे चाचा के खेमे में वापस लौट गए थे। लेकिन इस बार बगावत अपने अगले दौर में पहुंच गए है।