दिल्ली में अयोध्या की बाबरी मस्जिद से भी पुरानी एक मजार जमींदोज हो चुकी है। महरौली के संजय वन इलाके में सदियों से मौजूद बाबा हाजी रोजबीह की मजार को नेस्तनाबूद कर दिया गया। डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 900 साल पुरानी इस मजार को अवैध मानकर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
मजार को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह 12वीं शताब्दी से ही महरौली के संजय वन में स्थित थी। वहीँ अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर दावा किया जाता है कि यह 1528 ई. में बनी थी। बाबरी मस्जिद का निर्माण पहले मुगल शासक बाबर के शासन में मुगल कमांडर मीर बाकी ने कराया था। इस तरह से देखा जाए तो बाबा हाजी रोजबीह मजार उस बाबरी मस्जिद से भी पुरानी थी, जिसे 6 दिसंबर 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था।इस मजार का जिक्र 1922 में प्रकाशित ‘मोहम्मडन और हिंदू स्मारकों की लिस्ट, वॉल्युम III- महरौली जिला’ में भी है. दावा किया जाता है कि बाबा रोजबीह राय पिथौरा के समय दिल्ली आए थे और किले की खाई के पास एक गुफा में अपना निवास स्थान बनाया था. यह मजार किला लाल कोट के प्रवेश द्वार पर मौजूद थी। हाजी रोजबीह को लेकर कहा जाता है कि वह दिल्ली के पहले सूफी संतों में से एक थे. हाजी रोजबीह को लेकर दावा किया जाता है कि उन्होंने दिल्ली में हजारों लोगों को इस्लाम कबूल करवाया था।
डीडीए रिपोर्ट की मानें तो रिज प्रबंधन बोर्ड का मानना था कि रिज क्षेत्र सभी प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त होना चाहिए, और इसलिए एक समिति का गठन किया गया, जिसने संजय वन के अंदर कई अवैध संरचनाओं को हटाने का सुझाव दिया। एएसआई के अफसर प्रवीण सिंह ने बताया कि यह मजार एएसआई के तहत संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में नहीं थी।